विकासखंड कछौना में गौ-आश्रय स्थलों की स्थिति अत्यंत दयनीय प्रशासनिक अनदेखी व घोर लापरवाही के चलते चिलचिलाती धूप में तिल -तिल कर मरने को विवश गोवंश

कछौना (हरदोई)। जहाँ एक तरफ सूबे की योगी सरकार प्रदेश में गांव संरक्षण के मद्देनजर गौ-आश्रय स्थलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं विभागीय अधिकारियों की लचर कार्यशैली के चलते गौ-आश्रय स्थलों पर भूख प्यास व चिलचिलाती धूप के कारण गौवंशों की असमय मौत हो रही है। जनपद हरदोई के विकासखंड कछौना में स्थित गौ-आश्रय स्थलों का बहुत बुरा हाल है। ज्यादातर कर्मचारी गौ-आश्रय स्थलों पर जाते ही नही, सफाई कर्मी भी नदारद रहते हैं। जिसके चलते पशुओं के सामने चारा-पानी का संकट खड़ा हो गया है।   गौ-आश्रय में छाया की समुचित व्यवस्था न होने के कारण गोवंश खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी की इस चिलचिलाती धूप में तिल-तिल कर मरने को विवश हैं।


विकासखंड खजोहना स्थित गौ-आश्रय स्थल से ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जहाँ मृत पड़े गोवंश को कौवे व कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे थे। वही आश्रय स्थल के किनारे बनी खाई में कई मृत गोवंशो के कंकाल अव्यवस्थाओं के चलते हो रही निरीह पशुओं की मौतों की बानगी दे रहे थे। जब इस मामले की सूचना देते हुए संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी सद्दाम से फ़ोन वार्ता से दी गयी तो उन्होंने बताया कि मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नही है। जब मौजूदा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आजम से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा सरकार 5 हजार रुपये देती है 3 माह का उसमें हम क्या-क्या करे, दिन भर क्या इनको ही देखे मेरे पास और भी कई काम है,यह कह कर पत्रकारों से खबर न लगाने का दबाव बनाते हुए कहा कि आप ख़बर न लगाएं।


 वही मृत गोवंशों को ऐसा ही एक मामला एक सप्ताह पूर्व ब्लॉक कछौना के ग्रामसभा भीरीघाट के अंतगर्त बने पशु आश्रय स्थल से प्रकाश में आया था। जहाँ चार गोवंश मृत अवस्था में पड़े मिले थे तथा एक अधमरे घायल गौवंश को कौवे नोच-नोच कर खा रहे थे। इस दर्दनाक मंजर की जिलाधिकारी को सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे खण्ड विकास अधिकारी रोहिताश्व सिंह का कहना था कि आगे से व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। मगर उसके बावजूद अभी तक यथास्थिति का जस के तस बने रहना और परिणाम स्वरूप गोवंशो की असमय मृत्यु का क्रम लगातार जारी रहना जिम्मेदारों द्वारा की जाने वाली घोर लापरवाही को दर्शा रहा है।